राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव अब जरूरी
मांगे -
समान कानून समान शिक्षा तथा समान वेतन व्यवस्था संपूर्ण भारत में लागू होनी चाहिए। सबके पास मकान जमीन तथा रोजगार होना चाहिए। कोई भी टैक्स 2% से अधिक नहीं होना चाहिए। मंत्री का वेतन एक मजदूर के वेतन के बराबर होना चाहिए।
जिस नेता नौकरशाह और जज का न्यूनतम मजदूरी में गुजारा नहीं होता है उसे नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
देश में प्रतिभाशाली लोगों की कमी नहीं है। एक कम पढ़ा लिखा आदमी भी हवाई जहाज बना सकता है। सरकार शिक्षा के नाम पर शिक्षा माफिया को बढ़ावा दे रही है। शिक्षा रोजगार परक होनी चाहिए। पढ़ाई के साथ कमाई होनी चाहिए। पढ़ लिख कर आदमी बेरोजगार रह जाये तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
रोजी रोटी दे न सके वो सरकार निकम्मी है। जो सरकार निकम्मी है वो सरकार बदलनी है।
देश की अदालतों में तीन करोड़ से भी अधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं। अदालतें जिस तरीके से काम कर रही हैं उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जजों की संख्या बढ़ाने से कुछ नहीं होगा न्याय की समयसीमा तय होनी चाहिए। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जनता की एक अदालत होनी चाहिए और न्याय में जनता की भागीदारी होनी चाहिए। अदालतें अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल कर जनता बेवकूकफ बना रही हैं। सरकारी विभागों तथा देश की अदालतों में हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल होना चाहिए।
सौजन्य से S.Rana
मुफ्त का वेतन पाने वाले आयोगों को समाप्त कर देना चाहिए। घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त होनी चाहिए। टिकट बेचने वाली राजनैतिक पार्टियों की मान्यता समाप्त होनी चाहिए। न्यायिक सुधार के लिए जजों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए।
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