मानवता ही धर्म -पाखंडियों से बचें

 Advocate fights and wins no caste no religion certificate after 9 years।

In fact all state employees should swear this on oath and submit affidavit

प्रेम सदा मन राखिये, मानवता हो धर्म

बन मिसाल उपकार की, रहे एकता मर्म।


नफरत के बाजार में, प्रेम रहा क्यों सींच

गर मानवता पर चला, कट जाएगी घींच।

(घींच -गरदन )


पाखंडों में है बसा, दुनिया का व्यवहार

मानवता कायम रहे ,सत्कर्मों की धार ।


बन मिसाल इंसान की, कर्म साधना धार

प्रेम एकता बाँट कर, मानवता व्यवहार।


मज़हब है इंसान का, प्रेम और आनंद

जाति धर्म में बाँट कर ,लगा लिए पेबंद।


प्रेम बिका ममता बिकी ,बिका मान सम्मान

मानवता दिखती नहीं ,दिखता है अभिमान।


साहित्यिक सब हो रहे ,चबली चोर चकार

प्रेम से सब चोरी करें ,रचनाओं की धार।


जीवन के उत्कर्ष का ,सिर्फ एक सिद्धांत

प्रेम समन्वय एकता ,ज्ञान और वेदांत।


- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है। 

-अमर उजाला

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